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Monday, 10 March 2014

मेरा चाँद बस तेरा नाम...

मुझे घेरे रहते हैं
लाखों सवाल ,
मेरा एक ही जवाब
बस तेरा नाम।

मैं घिरी हूँ चाहे
लाख अंधेरों में,
मेरी रोशनी की किरण
बस तेरा नाम।

ब्रह्माण्ड में लाखों ग्रह
इन ग्रहों के हो चाहे
अनगिनत चंद्रमा ,
मेरा चाँद
बस तेरा नाम।


9 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार।

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  2. बहुत खूब.....शुक्रिया ....

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  3. बस तेरा नाम ............. अनुपम भाव संयोजन

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (12-03-2014) को मिली-भगत मीडिया की, बगुला-भगत प्रसन्न : चर्चा मंच-1549 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. वाह वाह वाह
    एक निर्मोही के लिए ''प्रभु बस तेरा नाम''
    एक गृहणी के लिए ''स्वामी बस तेरा नाम''
    एक प्रेमी/प्रेमिका के लिए ''आशिक़ का नाम''
    हर रिश्ते को आपने समेट के इन पंक्तियों के माध्यम से क्या खूब अभिव्यक्त किया। आपको बहुत बहुत बधाई

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  6. मेरा चाँद बीएस तेरा नाम
    वाह उपासना जी बहुत सुंदर

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  7. द्र्ड आस्था और प्रेम की बहुत ही सुंदर भावाभिव्यक्ति...... प्रशंसनीय !

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