Pages

Thursday, 24 October 2013

हवाएं ले आती है जवाब में मुस्कान ...

हवाओं पर लिखी
चिट्ठियों के जवाब,
लाती भी हवाएं ही हैं

चिट्ठियों का जवाब
आएगा 
यही उम्मीद 
मजबूर कर देती है
 चिट्ठी लिखने को
फिर से...

हवाएं ले आती है
 जवाब में मुस्कान ,
मुस्कान से क्या अर्थ !

हर शब्द बोलता है जैसे ,
मुस्कान भी भेद खोल देती है
वैसे ही

मुस्कान कभी रुकने का
कभी पलट कर देखने
कभी आगे बढ़ने को
या फिर
आगे बढ़ जाने का संकेत करती ...

कभी -कभी ये मुस्कान
रुला भी जाती है

आंसू से नम 
चिट्ठी से
हवा भी नम हो उठती है...

एक भीगा सा 
सन्देश ले उड़ती है
फिर से जवाब आने की आस लिए ..

12 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार आदरणीया-

    ReplyDelete
  2. मुस्कराहट के भी कितने रंग...... बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  3. कोमल भावपूर्ण रचना...
    :-)

    ReplyDelete
  4. ये विजेट सफलतापूर्वक अपने ब्लॉग पर स्थापित करने के बाद "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर टिप्पणी अवश्य दें |


    सशक्त बिम्बात्मक अभिव्यक्ति हवाओं के नाम

    हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम ...

    ReplyDelete
  5. बहुत खुबसूरत रचना .....

    ReplyDelete
  6. हृदयस्पर्शी रचना उपासना जी

    ReplyDelete
  7. बेहद संवेदनशील मन की कहानी..., प्रभावशाली !!

    ReplyDelete
  8. बहुत सुंदर और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई...

    ReplyDelete
  9. खुबसूरत रचना ...उपासना जी

    ReplyDelete
  10. उम्दा उपासना जी

    ReplyDelete