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Friday, 23 August 2013

मुहब्बत कभी एक तरफा नहीं होती

कहीं पढ़ा था कभी
किसी  ने कहा था कहीं ,
ना जाने किसी के लिए
या खुद को  समझाने के लिए ही
लिखा था उसने
ना जाने किसी के लिए ,

लिखा था उसने
मुहब्बत कभी एक तरफा
 नहीं होती
तो मैंने भी यही  जाना
हाँ !
मुहब्बत एक तरफा तो नहीं होती
कभी  लेकिन
 तुमने भी  यही जाना है  क्या !

यह मुहब्बत  तो दोनों
 तरफ ही होती है
एक मन से  पुकार लगाता है तो
दूजा बैचेन
 किसलिए हो उठता है
क्या तुमने भी यही जाना है कभी  !

----उपासना सियाग





14 comments:

  1. bahut hi marmik ..kavita didi ji ..thanks

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  2. बहुत सुन्दर
    सच्ची मुहब्बत एक दूसरे की सच्ची पुकार होती है

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  3. samjhna bahut mushkil hai....par haan sacchi muhabbbat mey ye kashish hoti hai ....sundar rachna..

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  4. कहाँ मिलती है ऐसी मुहब्बत
    मैंने तो एक तरफा ही जाना है

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  5. कोई पुकार सुने तो ना .....
    तब तक कभी कभी प्यार एक तरफ़ा भी होता है

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  6. koi pukar suny to na...............bahut hi vadiya...........

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  7. बहुत खूब..दुनिया के सबसे बड़े प्रश्न का उत्तर देती प्रस्तुति।।।

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  8. bhut acha.
    Vinnie,
    Please visit my blog ,"Unwarat.com"& do express your views.

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  9. सहज और आरोपित में अंतर होता है!

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  10. इकतरफा मोहब्बत .....कोई मायने नहीं रखती ..केवल दिलको बहलाना हुआ...मोहब्बत एक साथ का नाम है ....

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  11. मोहब्बत में एक का दर्द दूसरा बिना कहे महसूस कर लेता है...एकतरफा मोहब्बत मोहब्बत कहाँ है?

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  12. वाह वाह वाह
    बहुत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति
    और क्या जवाब दिया है आपने उस लिखने वाले को
    बहुत सुन्दर

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