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Sunday, 19 May 2013

हे सूर्य नारायण ...!


हे सूर्यनारायण ...!
तुम चलते रहते हो 
अथक , अनवरत ...

जैसे एक माँ अपनी संतानों 
पर बिना भेदभाव किये 
ममता लुटा देती है ,
वैसे ही , 
तुम भी तो 
इस धरा के हर प्राणी ,
हर एक भाग  पर ,
अपनी किरणों को लुटा कर 
प्रकाशमान कर  देते हो ...

 हे सूर्यनारायण ...!
मुझे तुम्हारी ये किरणे ,
भोर में नन्हे मासूम शिशु 
जैसी मुस्काती लगती है ...

दोपहर में एक मेहनत -कश ,
इंसान की तरह चमकीली 
और प्रेरणादायक 
लगती है ...

ढलती धूप , जैसे कोई 
प्रियतमा ने अपनी जुल्फें 
बिखरा दी हो और 
उसके साये में जरा 
विश्राम ही मिल जाये...

तुम्हारी सांझ की किरणे ,
अपनी बाहें फैला कर ,
जैसे सारी थकन को दूर 
करती ...

हे सूर्य नारायण ...!
तुम्हारे सातों  घोड़े ,
निरंतर चलायमान 
हो कर ,
सातों दिशाओं के 
प्रहरी बने रहते हैं ,
फिर भी कभी -कभी 
तुम्हारी नज़रों में 
इस जगत के रहने 
वालों के दुःख -संताप 
क्यूँ  नहीं आते ...!

फिर क्यूँ नहीं 
तुम उन दुखों को ,
संतापों को 
अपनी तेज़ किरणों से
 जला कर नष्ट कर  देते ...

( चित्र गूगल से साभार )

14 comments:

  1. माँ की ममता से सूर्य नारायण ,मेहनत -कश आदमिओं
    के खूबशूरत आह्शाशों से जिन्दगी को नापती सुन्दर
    प्रस्तुति

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  2. सूर्य तो अपना कार्य कर रहा है ..
    प्रकाश देना ही उसका कर्म है न की नष्ट करना ...

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  3. सुंदर प्रस्तुति

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  4. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-05-2013) के 'सरिता की गुज़ारिश':चर्चा मंच 1250 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
    सूचनार्थ |

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  5. अंधकार दूर करना ,,ऊष्मा देना उसका काम है
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest postअनुभूति : विविधा
    latest post वटवृक्ष

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  6. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...

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  7. बहुत ही बेहतरीन सार्थक प्रस्तुतीकरण.

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  8. सुन्दर अभिव्यक्ति...सार्थक प्रस्तुतीकरण.आपकी पोस्ट्स 9 मई के बाद मुझे प्राप्त नही' हुई'. बहुत अच्छी कविताये' है', बधाई स्वीकार कीजिये.

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  9. sundar prastuti....bahut accha laga padhna

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  10. बहुत खूबसूरती से समेटा है आपने श्रृष्टि को सूरज के किरणों संग बधाई

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  11. ग्रीष्म ऋतू में तो सूर्य नारायाण कुछ जायदा ही तेज चल रहे ... :)
    बेहतरीन !!

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  12. सुंदर प्रस्तुति

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  13. बहुत सुन्दर पंक्तियां हैं, मन को छू गईं।

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