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Friday, 9 March 2012

सौ का नोट

सुबह -सुबह ही ये क्या हो गया !
हवा के झोंकें के साथ मेरा सौ -
रूपये का नोट उड़ गया और मैं ,
उसके पीछे -पीछे दौड़ पड़ी ........
नोट , स्कूल जाते बच्चे के आगे 
गिरा और उसने झट से उठा लिया ,
बोला अरे वाह !आज तो पार्टी ही हो
जाएगी ,बहुत सारी चीज़ें खाऊंगा ............
बच्चे ने नोट को पकड कर आँखों
पर रखा कि ये तो फिर उड़ गया
बच्चे को लपकते छोड़ कर नोट ,
फूल वाली की टोकरी में जा गिरा ,
उसने नोट को दोनों हाथों से पकड़
कर,मन ही मन ना जाने कितने
सपनो के फूल खिला दिए .......
पर ये फिर उड़ चला और मंदिर में
पुजारी के आगे जा गिरा और
पुजारी की निराश आँखों में चमक
आ गयी कि प्रभु का चमत्कार हो गया ,
अब तो पत्नी की दवाई आ जाएगी ......
पर ये कहाँ रुकने वाला था पुजारी की

आँखों को बेनूर करता , सीधे नेता जी
की गोद में ही जा गिरा और अब मैं भागते -
दौड़ते थक भी गयी और निराश भी हो गयी
कि ये मेरा नोट तो गया अब हाथ से .....ये तो
बहुत कुछ खा जाते है मेरा नोट क्या छोड़ेंगे !!!
पर नेता जी को सौ के नोट की क्या परवाह थी
उठाया और फूंक मार कर उड़ा दिया ,पर अब
की बार मैंने उसे पकड ही लिया और मुट्ठी
में दबा कर चल पड़ी .............

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