Pages

Saturday, 11 February 2012

तुम्हारा नाम


 तुम्हारा नाम मैंने पत्थर
  पर नही लिखा था 
पत्थरों पर लिखे नाम
वक्त के साथ धुंधला
 जाते है ...

मैंने तुम्हारा नाम ,
सागर किनारे लिखा था 
सागर के किनारे की रेत पर
लिखे नाम 
कभी नहीं मिटते ...

वे नाम
लहरों के साथ
सागर में ही  मिल
जाते है ...

 हर लहर के साथ 
बहते रहते है
ना घुलते है
ना गलते है 
इसीलिए सागर का 
पानी भी खारा होता है 
वो नाम आंसुओं से 
जो लिखे होते है ...

कभी अंजुरी भर कर
 देखोगे  या 
किसी लहर पर 
कोई किरण को झिलमिलाती
देखोगे
तुम्हे लिखा नज़र आएगा
 तुम्हारा नाम ...

8 comments:

  1. कभी अंजुरी भर कर देखोगे या
    किसी लहर पर कोई किरण को
    झिलमिलाती देखोगे तो तुम्हे
    लिखा नज़र आएगा तुम्हारा नाम .....बहुत खूब.....:))

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया अरुणा जी

      Delete
  2. सागर के किनारे ,
    की रेत पर लिखे नाम
    कभी नहीं मिटते .......
    वो लहरों के साथ सागर
    में ही मिल जाते है .......बहुत सुन्दर.....भावपूर्ण:)

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया जी

      Delete
  3. रेत पर लिखे नाम कभी नहीं मिटते , वो लहरों के साथ सागर मे ही मिल जाते हैं ..
    Nice ...Upasna

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया प्रतिभा दी .........

      Delete
  4. काफी सुन्दर शब्दों का प्रयोग किया है आपने अपनी कविताओ में सुन्दर अति सुन्दर

    ReplyDelete
  5. बहुत बहुत शुक्रिया जी ...........

    ReplyDelete