नयी उड़ान +
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Wednesday 17 January 2024
मेरे जाने के बाद
›
मेरे जाने के बाद चर्चा होगी मेरे बारे में कैसी थी मैं क्या बोलती थी सोचा क्या करती थी ये तो पता नहीं भई सर पर लट्टू नहीं लगे थे न रोशनी वाल...
8 comments:
Sunday 15 October 2023
इंतज़ार और अभी..
›
रोज़ चाँद को निहारना उसका इंतजार करना जैसे तुम्हारे आने की ही राह ताकना जिस दिन चाँद नहीं आता फिर भी वो दिशा निहारती हूँ उस दिन , ...
8 comments:
Thursday 26 January 2023
लोकतंत्र
›
एक लोकतंत्र चलता है मेरे घर में भी , यहाँ भी राज अम्माजी का और नाम पिता जी का चलता है ... मैंने अपने उनको चुन कर अपने स...
6 comments:
Tuesday 20 September 2022
सुना है तुम चाँद पर रहने लगे हो..
›
सुना है तुम चाँद पर रहने लगे हो तो क्या हुआ फिर चाँद अगर दूर है वह दूर तो है दूसरों के लिए ही मेरे लिए नहीं छत पर थाली में उतारूँगी चाँद को...
4 comments:
Wednesday 12 January 2022
अगर मान सको तो..
›
जब भी तुम कुछ सोचते हुए गुम हुए हो, उभरता है ख्यालों के मध्य बिन्दु के पास चमकता जो चंद्र बिन्दु वह मैं नहीं हूँ.. चंद्र बिन्दु जहाँ है...
6 comments:
Thursday 17 June 2021
तुमने कहा था
›
तुमने कहा था एक दिन मुझे अपने दिल में रखना अगर न रख सको जीवन की तंग, संकरी गलियों में... क्या तुम ज्योतिषी हो या हो भविष्य वक्ता , तुम्...
1 comment:
Friday 16 April 2021
वह बन बैठा है रब जैसा
›
कोई है जो है अपना सा मगर है वह अनजाना सा ... हर रोज पाती लिखी जाती है उसे ... हर रोज दुआ में हाथ उठते हैं सलामती की होती है एक द...
7 comments:
›
Home
View web version