Pages

Saturday, 3 November 2018

एक पहचानी सी महक है..

आज किसी के  आने की आहट सी है ,
मन जरा सा बैचन भी और उत्सुक भी है ..

जाने गुलाब खिलेगा या जूही का फूल ,
हवाओं में एक पहचानी महक सी है ...